कुछ अनकही सी दास्तान



जब- जब तेरी याद आती है ...
दिल की धड़कन कुछ बढ़ जाती है, सांसे तो चलती है लेकिन,उनकी रफ्तार थोड़ी तेज हो जाती है|

पता है ना तुझे थोड़ी इमोशनल हूं मैं तेरे लिए, शायद इसलिए हर बार तुझे याद करके मेरी आंखें भर आती हैं....

 कैसे बताऊं तुझे तू क्या है मेरे लिए, बस तू इतना जान ले और यह मान ले कि तू मेरी जान है मेरे लिए....

लोग कहते हैं कि प्यार कोई खेल नहीं , क्योंकि अक्सर इसमें दिल टूट जाते हैं और एक हम हैं जो बस तेरी याद में हर बाजी हार जाते हैं....

एक तू है जो समझता ही नहीं मेरी बातों को और एक हम हैं जो अपने अंदर समेटे हुए हैं हजार जज्बातों को ...

हर बार सोचा कि कह दूं, कह दूं तुझे वह सारी बातें और बयां कर दूं मेरे मन में उमड़ते सारे ख्याल , फिर सोचा बोलकर बताया तो क्या बताया तुम खुद ही क्यों नहीं समझ जाते.....

हो तो बड़े बेदर्द तुम सब कुछ जान कर भी अनजान बनते हो,
कहते तो कुछ भी नहीं पर आंखों ही आंखों में बात करते  हो.....

सोचती हूं जब मिलूंगी तुझसे बरस जाऊंगी बारिश बनके
और दूर कर लूंगी अपने सारे गिले, शिकवे और शिकायतें ,तेरी हर ख्वाहिश बनके....

काश वो दिन भी आए जब तू और मैं हम हो जाएं, और सब भूल कर कर अपना ही एक अलग जहां बनाएं...

फिर भले ही वह कुछ देर के लिए क्यों ना हो , लेकिन  मेरे हाथ में तेरे हाथ वाली वो मुलाकात तो हो...

तुझे पता है तेरी यादों से मेरी सुबह और मेरी शाम है और मेरा प्यार तेरे लिए कुछ कही कुछ अनकही सी दास्तान है...

और पढ़ें- तेरे मेरे दरमियां

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