मेरी मोहब्बत और उसकी नफरत

ये मेरी मोहब्बत और उसकी नफरत का मामला है
ऐ मेरे नसीब तो बीच में दखल अंदाजी मत कर
ना जाने किस बात पे वो नाराज है हमसे 
ख्वाबों में भी मिलता हूं तो बात नहीं करती
जो कहा करते थे कभी तुम्हें भूल नहीं पाएंगे
मिले जो कल तो बोले लगता है कहीं देखा है
सुना है वो मुझे भूल चुकी है
और कुछ तो नहीं बस उसकी हिम्मत की दाद देता हूं।।

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