फिजाओं में मेरा दम निकला
हवा की तरह मैं जब चल निकला
खुलीं फ़िज़ाओं में मेरा दम निकला
ख़ुद की तलाश में ख़ुद को ढुँढ रहा था
जहां कदम रुका सनम का घर निकला
इश्क जन्नत है इश्क नेमत है ख़ुदा की
किताबों में जो पढा़ सब झुठ निकला
भूल जाता हूँ सबक रटे-रटाए सारे
मैं तोते से भी बेहद कमतर निकला
बहुत हो गयी दीवानगी घर लौट चलूँ
बेबसी का क्या कभी कोई हल निकला
पाँव के छालों ने कदम रोक लिए
मंज़िल की तलाश में इक युग निकला
कहते थे सीप निकलेगा मिलेगा मोती
जब समंदर खंगाला नमक निकला
खुलीं फ़िज़ाओं में मेरा दम निकला
ख़ुद की तलाश में ख़ुद को ढुँढ रहा था
जहां कदम रुका सनम का घर निकला
इश्क जन्नत है इश्क नेमत है ख़ुदा की
किताबों में जो पढा़ सब झुठ निकला
भूल जाता हूँ सबक रटे-रटाए सारे
मैं तोते से भी बेहद कमतर निकला
बहुत हो गयी दीवानगी घर लौट चलूँ
बेबसी का क्या कभी कोई हल निकला
पाँव के छालों ने कदम रोक लिए
मंज़िल की तलाश में इक युग निकला
कहते थे सीप निकलेगा मिलेगा मोती
जब समंदर खंगाला नमक निकला
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