बद-दुआओं की महफिल
महफिल लगी थी
बद-दुआओं की
हमने भी दिल से कहा
उसे इश्क हो उसे इश्क हो उसे इश्क हो
तड़प उठते हैं उन्हें याद करके
जो गए हैं हमें बर्बाद करके
अब तो इतना ही ताल्लुक रह गया है
कि रो लेते हैं बस उन्हें याद करके
जब वो मिले हमसे अरसे बाद तो
उन्होंने पूछा कि हाल-चाल कैसा है
तो हमने कहा तुम्हारी चली चाल से
मेरा हाल बदल गया।।
बद-दुआओं की
हमने भी दिल से कहा
उसे इश्क हो उसे इश्क हो उसे इश्क हो
तड़प उठते हैं उन्हें याद करके
जो गए हैं हमें बर्बाद करके
अब तो इतना ही ताल्लुक रह गया है
कि रो लेते हैं बस उन्हें याद करके
जब वो मिले हमसे अरसे बाद तो
उन्होंने पूछा कि हाल-चाल कैसा है
तो हमने कहा तुम्हारी चली चाल से
मेरा हाल बदल गया।।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Please do not enter any spam link in the comment box