कमकश-ए-जिंदगी

कमकश-ए-जिंदगी सुलझाएं कैसे।
वो जो  यादोंमें बस गए हैं उन्हें भुलाए कैसे।।
अनचाही राह जाने से खुद को बचाए कैसे।
मनचाही राह के बंद दरवाजे खुलवाए कैसे।।

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