कुछ अनकहा सा

वो जो तुम आंखों से पढ़ ना सके जज्बात अनकहा सा है
वो जो मेरी खामोशियां तुमसे कह गई वो राज अनकहा सा है
कभी कहते कहते जो हम कह ना सके
और तुम कभी समझ ना सके मेरा वो दर्द अनकहा सा है

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